Holi par nibandh in hindi | होली पर निबंध हिन्दी में

हैलो दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा Holi par nibandh kaise likhe - Holi essay in hindi. किस तरह आप holi ke liye nibandh लिख सकते हो। इस पोस्ट में, मैं आपको बताउगा होली के बारे पूरी जानकारी - होली क्यों मनाई जाती है, होली का महत्त्व क्या है और होलिका कौन थी। 

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होली एक बसंत ऋतू का त्यौहार है इसे भारत में सब बहुत ही ख़ुशी से मानते है और गली-मोहल्ले के लोग आपस में रंग लगाकर अपना उत्साह दिखाते है सभी लोग आपस में एक-दूसरे से गले लग कर अपने पुराने झगड़े भुला देते है। होली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार भी माना जाता है कुछ राज्यों में होली के त्यौहार को अच्छी फसल होने की खुशी में भी मनाया जाता है। 
दोस्तों स्कूलों में हमे हमेशा होली पर निबंध लिखने को कहा जाता है इस चीज़ को ध्यान रखते हुए इस पोस्ट में आपको होली के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी जिससे आप अपने स्कूल में होली पर अच्छे से निबंध लिख सको और अच्छे नंबर ला सको। और अगर किसी निबंध प्रतियोगिता में भाग लेते हो तो हमारी इस पोस्ट की मदद से आप होली पर निबंध बहुत बारीकी से लिख सको, और प्रतियोगिता में उत्तीर्ण हो सको। 

Holi par nibandh hindi mein 

होली हर साल फ़ागुन में मनाया जाता है यानि कि मार्च में। होली में सभी के घर तरह-तरह के पकवान बनते है होली हिन्दुओ के लिए बहुत बड़ा त्यौहार माना जाता है और इसमें सब खुशी-खुशी एक दूसरे से गले मिल कर होली की ख़ुशी व्यक्त करते है भारत में होली हिन्दू ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोग बड़े उत्साह से मनाते है। होली के दौरान लोग फ़ागुन के गीत और धार्मिक गीत भी गाते है। होली के दिन सभी लोगो के घर गुजिया, पापड़ और हलवा आदि खाते है जिसमे गुजिया काफी ज्यादा खायी जाती है रंग की होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।


होली पर निबंध  

होली एक बसंत ऋतू का त्यौहार है और यह एक प्राचीन पौराणिक त्यौहार है इसके पीछे एक प्राचीन इतिहास है। पहले समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक दुष्ट राजा था और उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था। हिरण्यकश्यप इतना दुष्ट राजा था कि वह खुद को भगवान मानता था हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान् विष्णु का बहुत प्रिय भक्त था लेकिन हिरण्यकश्यप विष्णु जी के बहुत बड़े विरोधी थे। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को विष्णु जी की पूजा करने से बहुत रोका लेकिन वो नहीं माने और आखिर में हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने की ठान ली। और कई बार मारने का प्रयास भी किया लेकिन वो सफल नहीं हुआ, एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी क्योकि होलिका को आग में न जलने का बरदान प्राप्त था इसलिए होलिका प्रहलाद को ले कर आग में बैठ गयी लेकिन जिस विष्णु जी की कृपा हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता इसलिए प्रहलाद आग में सुरक्षित रहे और होलिका आग में जल कर भस्म हो गयी। यह कहानी हमे यह सिखाती है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। 
 
आज भी सभी लोग लकड़ी और कंडो के ढेर को रात में जलाकर होलिका दहन करते है और उसके अगले दिन सब लोग आपस में मिलकर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डाल कर होली मनाते है। होली हर साल फागुन के महीने में मनाई जाती है जैसे-जैसे होली नजदीक आती है हमारे अंदर का उत्साह भी बढ़ता जाता है। होली सच्चे अर्थो में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है जिसमे रंग अनेकता में एकता को दर्शाते है इसमें लोग एक दूसरे का मुहँ मीठा करवाते है।  

होली का त्यौहार अलग-अलग प्रदेशो में अलग-अलग तरीको से मनाई जाती है आज भी ब्रज की होली सारे देश में आकर्षण का केंद्र बनती है लठमार होली जो कि बरसाने की है इसमें पुरुष महिलाओ पर रंग डालते है और महिलाये पुरुषो को लठ और कपडे से बनाये कोडो से मारती है इसी तरह मथुरा और वृंदावन में भी 15 दिनों तक होली मनाते है। और फागुन के गीत बैठकी होती है होली के कई दिनों पहले से यह सब शुरू हो जाता है हरियाणा में धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताये जाने की प्रथा प्रचलित है। वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में अलग-अलग तरीके से होली के श्रृंगार व उत्साह मनाया जाता है जिसमे कई भिन्नताये है और कई समानताये 

उम्मींद करता हूँ आपके लेकिन यह पोस्ट( Holi par nibandh hindi mein ) लाभदायक रही होगी।

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